रिक्त
मैं और मेरी कृत्य के बीच एक रिक्त सदा से खुद से खुद को जकडे जंजीरों के शून्य हो जैसेबंधे है एक दूसरे से बाहों में बाहें डाल कर फिर भी एक बड़ा घेरा जो घिर न रहा हो जैसे युग्म एकाकार हैं संभावनाएं भी अपरम्पार हैं लग रहा फिर भी एकांत भाग्य में बदा हो जैसे